जयपुर। नियमित करने सहित आठ सूत्री मांगों को लेकर बुधवार को राजस्थान महात्मा गांधी नरेगा संविदाकार्मिक संघ के बैनर तले नरेगा संविदाकर्मियों ने बाइस गोदाम से विधानसभा तक रैली निकाली और पंचायतीराज मंत्री भरत सिंह और आयुक्त नरेगा को ज्ञापन सौंपा। इससे पहले सभा को संबोघित करते हुए संघ के प्रदेशाध्यक्ष अशोक कुमार वैष्णव ने कहा कि 2 फरवरी 2011 के नरेगा संविदाकर्मियों के सर्कुलर को सरकार तुरंत प्रभाव से निरस्त कर 9 जनवरी 2007 के सर्कुलर का नवीनीकरण करे। उन्होंने सरकार से नरेगा संविदाकर्मियों को नियमित करने व वेतन विसंगतियां दूर करने की मांग की और कहा कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी आंदोलन जारी रहेगा। उधर, सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश संयोजक पहाड सिंह ने घोष्ाणा की है यदि नरेगा संविदाकर्मियों की मांगों पर 28 फरवरी तक सरकार ने सकारात्मक निर्णय नहीं किया तो सरपंच और ग्राम सेवक भी कार्यो का बहिष्कार करेंगे। लग गया जाम रैली के दौरान सहकार मार्ग पर जाम लग गया। बाईस गोदाम से लक्ष्मी मंदिर जाने वाले वाहनों को अम्बेडकर सर्किल की तरफ डायवर्ट किया गया। रामबाग से बाईस गोदाम जाने वाले वाहनों को अम्बेडकर सर्किल से स्टेच्यू की तरफ डायवर्ट किया गया। अनुबन्ध प्रारूप स्थगित ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री भरतसिंह ने महानरेगा संविदा कर्मियों को आश्वासन दिया है कि 2 फरवरी, 2011 के अनुबंध प्रारूप को स्थगित करने के साथ ही 9 जनवरी, 2007 के अनुबंध प्रारूप में शामिल बिन्दुओं का परीक्षण करवाया जाएगा। सरकार ने इस सम्बंध में बुधवार को आदेश जारी कर दिए। महानरेगा आयुक्त तन्मय कुमार ने बुधवार को सभी जिला कलक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयकों को निर्देश दिए हैं कि वे 28 फरवरी, 2011 के बाद किए जाने वाले संविदा अनुबंध प्रपत्र 2 फरवरी 2011 पर कार्यवाही स्थगित रखें।
Wednesday, February 23, 2011
Wednesday, February 16, 2011
नरेगा कर्मियों की हड़ताल शुरू
महात्मा गांधी नरेगा कर्मचारी संगठन ने दो दिन की कलमबंद हड़ताल सोमवार से शुरू कर दी है। नरेगा कार्मिकों ने बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग द्वारा हाल ही कार्मिकों के संबंध में अनुबंध का नवीन प्रारूप लागू किया है, जिसमें कार्मिकों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। इसके अलावा सात सूत्रीय मांगों को लेकर नरेगाकार्मिकों ने दो दिन के लिए कलमबंद हड़ताल शुरू कर प्रदर्शन किया व एसडीएम तथा विकास अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। नरेगा कार्मिकों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को सौंपे ज्ञापन में सात सूत्रीय मांगे शामिल है।
इनमें नरेगा कार्मिकों को नियमानुसार स्थायी करने, छठे वेतन आयोग का लाभ देने, ग्राम रोजगार सहायकों के निरस्त किए स्थायी पदों को बहाल करते हुए शेष समस्त संविदा कार्मिकों के स्थायी पदों का सृजन करने व वर्तमान में कार्यरत कार्मिकों की स्थायी नियुक्ति करने, पांच दिवसीय सप्ताह करने, संविदा कार्मिकों को सवेतनिक अवकाश स्वीकृत करने, संविदा सेवा शर्तों के अनुरूप पीएफ की कटौती करने व मेडिकल एवं दुर्घटना बीमा की व्यवस्था करने की मंागें शामिल है। ज्ञापन देने वालों में मोतीलाल, रघुवीर, लालाराम, शिवचरण, ताराचंद, रामअवतार सहित सभी नरेगा कार्मिक उपस्थित थे।
टोंक & महात्मा गांधी नरेगा कर्मचारी संगठन ने मांगों के समर्थन में सोमवार से दो दिन की कलमबंद हड़ताल शुरू कर दी। कर्मचारियों ने एसडीएम को दिए गए ज्ञापन में बताया कि सभी कार्मिक नरेगा योजनांतर्गत संविदा पर कार्यरत है।
ग्रामीण विकास एवं पंयायतीराज विभाग द्वारा संविदा पर कार्यरत कार्मिकों के संबंध में अनुबंध का नवीन प्रारुप लागू किया गया है। इस संबंध में सभी नरेगा कर्मचारी १४ फरवरी से दो दिन की कलमबंद हड़ताल पर है। राज्य सरकार ने संविदा कार्मिकों को मांगें नहीं मानी तो १७ फरवरी से अनिश्चितकालीन कमलबंद हड़ताल करेंगे।
टोडारायसिंह. टोडारायसिंह के नरेगा योजनान्तर्गत संविदा पर कार्यरत कार्मिकों ने लागू किए गए नवीन प्रारुप में हितों का ध्यान नहीं रखने पर मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी गोपालराम बिरदा को सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपा है। साथ हीं दो दिन का कलमबंद आंदोलन का आह्वान
किया है।
नरेगा कार्मिकों ने ज्ञापन से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया है कि वे नरेगा में संविदा पर कार्यरत है। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग द्वारा अनुबंद का नया प्रारुप लागू किया गया है। उसमें नरेगा कार्मिकों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। इसलिए उन्होंने दो दिन का कलमबंद आंदोलन किया है। फिर भी उनकी मांगें नहीं मानी गई तो 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन कलमबंद आंदोलन किया जाएगा।
ये हंै नरेगा कार्मिकों की मांगें
नरेगा कार्मिकों को नियमानुसार स्थायी किया जाए, छठे वेतन आयोग अनुसार वेतन लाभ दिया
जाए, ग्राम रोजगार सहायकों के निरस्त किए स्थायी पदों को बहाल करते हुए शेष समस्त संविदा कार्मिकों के स्थायी पदों का सृजन किया जाकर वर्तमान में कार्यरत कार्मिकों की हीं स्थायी नियुक्ति की जाए, छह दिवसीय सप्ताह के स्थान पर पांच दिवसीय सप्ताह किया जाए,
स्थायी कार्मिकों की तरह संविदा कार्मिकों को भी सवैतनिक अवकाश की स्वीकृति दी जाए, 9 जनवरी, 2007 की संविदा सेवा शर्तों के
अनुसार पीएफ कटौती की जाए, मेडिकल एवं दुर्घटना बीमा की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा
की जाए।
नरेगा कार्मिक रखेंगे पेन डाउन हड़ताल..
नरेगा संविदा कार्मिकों ने की नए अनुबंध की निंदा
महात्मा गांधी नरेगा कार्मिक संघर्ष समिति की बैठक बुधवार को जिला कलेक्ट्री परिसर में हुई। बैठक में सहायक रोजगार, कम्प्यूटर ऑपरेटर, डाटा ऐंट्री ऑपरेटर, लेखा सहायक, एमआईएस, जेटीओ आदि ने भाग लिया। सभी कार्मिकों ने सरकार द्वारा किए गए नवीन अनुबंध प्रारूप की निंदा की। संविदा कार्मिकों ने उनको नियमित करने एवं छठा वेतनमान देने की मांग की। जिला स्तरीय ग्राम पंचायत एवं तहसील स्तर पर आगामी बैठक 22 फरवरी को सुबह 10 बजे जिला कलेक्ट्री परिसर जेके गार्डन में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में दामोदर मीणा, अंबालाल कुमावत, किशनसिंह, शंकरलाल जीनगर, पुष्पेंद्र कुमार खटीक, सागरमल खटीक, जिला अध्यक्ष कमलेेंद्र आदि मौजूद थे।
नरेगा संविदाकर्मियों ने दी धरने की चेतावनी
आमेट & महानरेगा में संविदाकर्मियों के नए अनुबंध में सरकार द्वारा जारी शर्तों के विरोध में महानरेगा संविदाकर्मियों ने तहसीलदार शिवप्रकाश सोनी को गत दिवस दिए ज्ञापन में 21 फरवरी तक मांग पूरी नहीं होने पर धरने की चेतावनी दी है। नारायणलाल, चंद्रसिंह, राधेश्याम, रोशनलाल, गुडिय़ा चौहान, अभिषेक शर्मा, किशनसिंह ने ज्ञापन में बताया कि संविदाकर्मियों को स्थायी करने, छठे वेतन का लाभ देने, निरस्त किए स्थायी पदों को बहाल करने, पांच दिवसीय सप्ताह करने, संविदा शर्तानुसार पीएफ कटौती, मेडिकल एवं बीमा
नियमित करने की मांग, नरेगा कार्मिकों ने किया प्रदर्शन
नरेगा में लगे कार्मिकों का वेतन बढ़ाने एवं नियमित करने की मांग को लेकर कई बार सरकार को अवगत करवाया गया है, लेकिन अभी तक उनकी मांगों को पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने ज्ञापन में बताया है कि उनकी मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाने पर वे नरेगा के कार्य को छोड़कर हड़ताल करेंगे। इस बीच जिला प्रमुख खुशवीरसिंह ने भी उनकी मांगें मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इस दौरान रोजगार सहायक संघ के जिलाध्यक्ष चेतन चौहान, जसाराम पूनिया, असलम मुगल, जोगसिंह, मदनलाल व दूदाराम समेत कई रोजगार सहायक व नरेगा में संविदा पर लगे कई कार्मिक उपस्थित थे।
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सड़कों पर उतरे नरेगा कार्मिक आज से पेन डाउन हड़ताल
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श्रीगंगानगर & नरेगा कार्मिकों ने एक वर्ष के अनुबंध करके केवल दो माह बाद ही कंप्यूटर आपरेटर के पद से हटाने के राज्य सरकार के आदेश के विरुद्ध आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। मंगलवार को पार्षद रमजान अली चोपदार के नेतृत्व में महानरेगा कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के सदस्यों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम एडीएम और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन में जिले के अन्य पंचायत समिति क्षेत्रों से आए नरेगा कार्मिकों ने भाग लिया।
संघ के सदस्यों ने आरोप लगाया कि सरकार ने कंप्यूटर ऑपरेटर और डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर नियुक्ति के मात्र दो माह बाद ही उन्हें २८ फरवरी को नौकरी से हटाने के आदेश जारी किए हैं, जो उनके साथ विश्वासघात है। अनुबंध पर नियुक्त कार्मिकों में बड़ी संख्या में ऐसे युवक-युवतियां हैं, जो सरकारी नौकरी पाने की चाह में निजी कंपनियों की १५ हजार रुपए तक की मासिक वेतन की सर्विस छोड़ कर आए थे।
ज्ञापन में कहा गया है कि नरेगा अधिनियम के अनुसार इस योजना में कोई कार्य ठेके पर नहीं करवाया जा सकता, फिर कार्मिकों की नियुक्तियां निजी कंपनियों के माध्यम से ठेके पर क्यों की जा रही हैं। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि सरकार ने अपना आदेश तुरंत प्रभाव से वापिस नहीं लिया तो वे १७ फरवरी से पेन डाउन हड़ताल करेंगे और १८ से कलेक्ट्रेट के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना आरंभ कर देंगे।
संविदा नरेगा कार्मिक उतरे आंदोलन पर
संविदा नरेगा कार्मिकों ने विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को बैठक की और गुरुवार से आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत गुरुवार से काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे। 21 फरवरी को महारैली निकालकर कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन की सहमति बनी। इसके बाद शहर में रैली निकाली और मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
पंचायत समिति के सामने स्थित नेहरु पार्क में आयोजित संविदा नरेगा कार्मिको की बैठक में जेटीए, लेखा सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर, सहायक सचिव, जिला कॉर्डिनेटर, एमआईएस मैनेजर शामिल हुए। इसमें कई मुद्दो पर चर्चा करते हुए आंदोलन करने के निर्णय लिए गए। यहां से रैली के रूप नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां कलेक्टर पूर्णचंद्र किशन को विभिन्न मांगों से अवगत कराते हुए समाधान की गुहार लगाई। संघ जिलाध्यक्ष कांतिलाल कटारा के नेतृत्व में कार्मिको ने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी निर्देश नरेगा योजनांतर्गत कोई भी स्थाई पद सृजित नहीं करने के आदेशों का विरोध जताया और कार्यरत संविदा कार्मिको को नियमित समायोजित करने, संविदा कार्मिको को संविदा अनुबंध वित्त विभाग के परिपत्र के अनुसार भरवाने तथा वार्षिक मूल्याकंन के आधार पर नवीनीकरण करने, संविदा कार्मिको का मानदेय राज्य सिविल सेवा नियम 2008 की अनुसूचि अनुसार नियमित कर्मचारी को प्रोबेशन ट्रेनी के रुप में देय मानदेय के आधार पर तय करने सहित कई मांगे रखी। इस पर कलेक्टर ने सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
कार्मिको में हुआ टकराव : कलेक्टर से वार्ता के पश्चात संविदा नरेगा कार्मिकों में आपसी सहमति नहीं होने के कारण टकराव हो गया। कुछ कार्मिको का कहना था कि गुरुवार से हड़ताल शुरू कर देनी चाहिए, जिस पर एक पक्ष ने प्रशासन के वार्ता के बाद कुछ दिनों का समय देने की बात कही। इस बात पर दोनों पक्षों में काफी कहासुनी हुई और टकराव की स्थिति पैदा हो गई। लंबे समय तक चर्चा के बाद गुरुवार से काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करने की सहमति बनी।
संघ का नाम बदला, कार्यकारिणी गठित
संविदा नरेगा कार्मिक संघ ने अपनी कार्यकारिणी के नाम को बदलकर अखिल राजस्थान नरेगा कार्मिक संघ रखने का निर्णय लिया। इसके पश्चात कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसमें कांतिलाल कटारा को पुन: जिलाध्यक्ष चुना गया। इसके अलावा देवीलाल डामोर, अनिल पंड्या को सरंक्षक, मोहनलाल रोत को सह अध्यक्ष, सूर्यप्रकाश चौबीसा, कीर्ति वैष्णव को उपाध्यक्ष, प्रवीणसिंह राव, भूपेंद्रसिंह चौहान, पुष्पेंद्र जैन, जीवराम ननोमा, रणजीतसिंह सांखला, श्यामसुंदर पानेरी को महामंत्री, अमजद शेख, भूपेंद्रसिंह चौहान को कोषाध्यक्ष, महेश जोशी को जिला प्रवक्ता, जयसिंह डामोर, मोहनलाल भगोरा, संतोषसिंह, सुरजमल कटारा को जिला संगठन मंत्री नियुक्त किया गया है।
Tuesday, February 15, 2011
Monday, February 14, 2011
नरेगाकर्मी कल से करेंगे कार्य बहिष्कार
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नरेगा शिकायत समाधान हेतु प्रत्येक माह नरेगा संवाद
नरेगा शिकायत समाधान हेतु प्रत्येक माह नरेगा संवाद
जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलक्टर ने बताया कि माह के प्रत्येक शुक्रवार को मध्यान्ह 3 बजे जिला परिषद् सभागार में नरेगा संवाद कार्यक्रम होगा। इसमें जिला, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधि एवं शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फरवरी माह का संवाद कार्यक्रम 11 फरवरी को मध्यान्ह 3 बजे आयोजित होगा।
नरेगा: मजदूरी बढऩे से श्रमिक काम पर आए
नरेगा: मजदूरी बढऩे से श्रमिक काम पर आए
जयपुर। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी बढऩे के बाद काम पर आने वाले मजदूर की संख्या बढऩे लगी है।
अब नरेगा श्रमिकों को 100 के बजाए 119 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी मिलेगी। इस तरह उनकी सालाना आय में 1900 रुपए की बढ़ोतरी हो जाएगी।
केंद्र सरकार ग्रामीण मजदूरों को वर्ष में कम से कम सौ दिन रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रोजगार गारंटी योजना चला रहा है। वर्ष 2005 से शुरू हुई योजना में बढ़ती महंगाई के हिसाब से मजदूरी दर भी बढ़ाए जा रहे है। श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में जनवरी के अंतिम सप्ताह में भी बढ़ोतरी की गई है।
मनरेगा के अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक आरसी गुप्ता कि नरेगा में काम पर पहले करीब 10 हजार श्रमिक आ रहे थे, लेकिन अब श्रमिकों की संख्या 33 हजार तक पहुंच गई है। न्यूनतम मजदूरी बढऩे से भी प्रभाव पड़ा है।
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