हाल ही ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के प्रमुख शासन सचिव सीएस राजन एवं शासस सचिव तन्मय कुमार द्वारा ली गई वीडियो कॉन्फ्रेन्स में भी रिक्त पदों की समस्य उभरकर सामने आई थी। सभी जिलों में अनुबंध कार्मिकों के पद रिक्त हैं। कनिष्ठ तकनीकी सहायक, एमआईएस मैनजर, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर एवं ग्राम रोजगार सहायक नहीं होने से योजना क्रियान्वयन में कठिनाई हो रही है। कलक्टरों को सभी स्तर के रिक्त पद शीघ्र भरने के लिए "वॉक इन इंटरव्यू"का सुझाव दिया गया है।
कहां हैं पद खाली
झालावाड़, सवाईमाधोपुर, नागौर, धौलपुर, करौली, श्रीगंगानगर एवं बूंदी जिलों में ग्राम रोजगार सहायकों के काफी पद रिक्त हैं। कनिष्ठ तकनीकी सहायकों के बीकानेर में 36, करौली में 30, नागौर में 19, भीलवाड़ा में 17, अजमेर में 14, धौलपुर में 12 एवं बारां में 15 पद रिक्त हैं। लेखा सहायकों के अजमेर में 20, धौलपुर में 9, श्रीगंगानगर में 6, बूंदी एवं झालावाड़ में 4-4 पद रिक्त हैं। एमआईएस मैनजर के अजमेर में 8, नागौर में 3, टोंक में 6, श्रीगंगानगर में 5, झालावाड़ में 6, धौलपुर में 4 एवं करौली में एक पद रिक्त है।
पद भी नहीं भरे
भीलवाड़ा, नागौर, टोंक, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, चूरू, बारां, झालावाड़ एवं कोटा में "कम्प्यूटर ऑपरेटर मय मशीन" का अब तक एक भी रिक्त पद नहीं भरा गया है।
कम मानदेय कारण
संविदा भर्ती में कार्मिक नहीं मिलने के पीछे बड़ा कारण योग्यता के अनुपात में मानदेय कम मिलना है। ऑपरेटर के लिए स्नातक के साथ एक वर्ष के कम्प्यूटर डिप्लोमा की योग्यता मांगी जाती है। इनका मासिक मानदेय साढ़े चार हजार रूपए हैं। इससे अधिक वेतन निजी क्षेत्र में मिल जाता है।