राज्य में नरेगा के कामकाज में पारदर्शिता लाने और निगरानी रखने के लिए निगरानी समितियों का विस्तार ग्राम स्तर तक किया जायेगा। केंद्र के निर्देश पर ग्रामीण विकास विभाग ने इस आशय की अधिसूचना जारी करते हुए सभी प्रमंडलीय आयुक्तों को सूचना भेज दी है। आयुक्तों की देखरेख में सभी जिलों के लिए अलग-अलग कमेटियां बनेंगी। कमेटी में उपायुक्त, नरेगा काउंसिल के दो सदस्य और डीडीसी शामिल रहेंगे। डीडीसी कमेटी के सदस्य सचिव होंगे। यह व्यवस्था सभी 22 जिलों में लागू होगी। राज्य सरकार को अक्सर ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि नरेगा के तहत ग्रामीणों की बजाय कर ठेकेदारों के जरिये काम कराया जा रहा है, मजदूरों से काम लेने की बजाय मशीनों का इस्तेमाल हो रहा हैॅ। कई स्थानों पर कम मजदूरी दिये जाने और फर्जी मस्टर रोल से नरेगा की राशि उठा लेने की शिकायत भी मिलती है। ऐसी शिकायतों को निपटारे के लिए पहले जिला स्तर पर पहले निगरानी समिति बनायी जा रही है। बाद में ग्राम स्तर तक ऐसी कमेटियां बनायी जायेंगी, ताकि नरेगा के काम में घपला नहीं हो सके।
Saturday, August 21, 2010
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