ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा दिनांक 18 जून 2010 दिये गए निर्देशों में स्पष्ट लिखागया है कि............
प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति क्षेञ में यह ध्यान रखा जावे कि उस ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति क्षेञ में नियोजित श्रमिकों के श्रम एवं सामग्री पर होने वाले कुल व्यय के 6 प्रतिशत क सीमा से अधिक प्रशासनिक व्यय किसी भी सिस्थ में नहीं किया जावे यदि किसी माह में नियोजित श्रमिकों की संख्या कम रहती है तो ग्राम पंचायत स्तर पर नियोजित कम्प्यूटर ऑपरेटर मय मशीन एवं ग्राम रोजगार सहायक की सेवाएं भी प्रति पंचायत के हिसाब से नहीं लेकर पंचायतों के कल्स्टर के रूप में ली जा सकती है इसी प्रकार पंचायत समिति स्तर पर नियोजित लेखा सहायक, कनिष्ठ तकनीकी सहायक, डाटा एन्टी ऑपरेटर, कम्प्यूटर मश मशीन की सेवाएं भी कार्य की आवश्यकता के अनुसार ली जा सकती है यदि किसी माह विशेष में कार्य कम रहता है तो इन्हें हटाया जा सकता है तथा कार्य अधिक होने पर इनकी सेवाएं ली जा सकती है, लेकिन स्वीक़त पदों से अधिक संख्या में किसी भी सि स्त में कार्मिकों की सेवाएं नहीं ली जावे यदि एम आइ एस फीडिंग की कार्य
बहुत अधिक है तो कार्य को आउट सोर्स कर बाहर से कारवाया जा सकता है
आयुक्त एवं शासन सचिव, ईजीएस राजस्थान
सारांश : महात्मा गांधी नरेगा कार्मिकों को कभी भी हटाया जा सकता है यानि रोजगार की कोई गारन्टी नहीं
2 comments:
agar yahi karna he to new bharti kyu ki j rhi he ... jaha jo pad khali he use khali hi rhne diya jaye...
is tarah se to jo rojgar mila he use china ja raha he
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