र्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के राज्य विधानसभा में प्रतिपक्ष की नेता चुने जाने के बाद जहां एक ओर भाजपा में गुटबाजी ने जोर पकडना प्रारम्भ हो गया हैं वही सत्तारूढ पार्टी एवम् आम आदमी की सरकार में अजीब सी हलचल होने लगी है। भाजपा में गुटबाजी विधानसभा चुनाव के बाद से ही दिखाई देने लगी थी जब भाजपा के एक गुट ने वसुन्धरा राजे के नेता प्रतिपक्ष पद से हटाने की मुहिम छेडी थी परिणामस्वरूप भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने वसुन्धरा राजे को नेता प्रतिपक्ष के पद से त्याग पत्र देने को कहा था । लम्बी खींचतान के बाद वसुन्धरा ने त्याग पत्र दिया समझौता स्वरूप राष्ट्रीय महासचिव के पद का स्वीकारा । तब से वसुन्धरा राजे समर्थक विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष किसी ओर को नहीं बनने दिया । राज्य की प्रमुख विपक्ष उपनेता के सहारे विधान सभा में विपक्ष की भूमिका अदा करती रही।
वसुन्धरा राजे के पुनः प्रतिपक्ष नेता चुने जाने के बाद विधान सभा के बजट सत्र विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की। बजट को लेकर प्रतिपक्ष ने नेता वसुन्धरा राजे ने बजट को कमजोर सरकार का कमजोर बजट करार दिया तथा राज्य सरकार को सुझाव दिया कि डीजल घ्ेट्रोल पर वेट घटाना चाहिये। केन्द्र किसानों के लिए आधा अनुदान भुगतने को तैयार है तो भी डीजल सस्ता न करने तर्क समझ नहीं आता। बजट में न कोई सोच है और न ही विजन जबकि देश दुनिया की बदलती स्थितियों मे यह वक्त बडे निर्णय लेने का है। राजकोषीय घाटा बढ रहा हैं । राज्य सरकार केन्द्रीय योजनाओं में मिलने वाला धन का खर्च करने में असफल रहा है। प्रतिपक्ष नेता के सवालों का उत्तर देते हुए राज्य के वित्त मंत्री एवम् मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई घोषणाएं कर डाली। जिसके तहत महानरेगा सहायकों का मानदेय 3000 से बढा कर 3510 रूपयें, ग्राम रोजगार सहायक का 3500 से 4000, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर का 4000 से 5330 रूपये करने, जयपुर में नया पर्यटन भवन बनाने विधायकों के लिए जयपुर में अगले साल में 50 बहुमंजिलें फ्लैट्स व माही परियोजना का बांसवाडा में रेस्ट एवं सfकZट हाउस बनाने, जिला प्रमुखों को 1 1 अतिवहन उपलब्ध करवाने के अलावा कई वस्तुओं में कर राहत देने की घोषणा सदन में की।
वसुन्धरा राजे के पुनः प्रतिपक्ष नेता चुने जाने के बाद विधान सभा के बजट सत्र विपक्ष ने सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की। बजट को लेकर प्रतिपक्ष ने नेता वसुन्धरा राजे ने बजट को कमजोर सरकार का कमजोर बजट करार दिया तथा राज्य सरकार को सुझाव दिया कि डीजल घ्ेट्रोल पर वेट घटाना चाहिये। केन्द्र किसानों के लिए आधा अनुदान भुगतने को तैयार है तो भी डीजल सस्ता न करने तर्क समझ नहीं आता। बजट में न कोई सोच है और न ही विजन जबकि देश दुनिया की बदलती स्थितियों मे यह वक्त बडे निर्णय लेने का है। राजकोषीय घाटा बढ रहा हैं । राज्य सरकार केन्द्रीय योजनाओं में मिलने वाला धन का खर्च करने में असफल रहा है। प्रतिपक्ष नेता के सवालों का उत्तर देते हुए राज्य के वित्त मंत्री एवम् मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई घोषणाएं कर डाली। जिसके तहत महानरेगा सहायकों का मानदेय 3000 से बढा कर 3510 रूपयें, ग्राम रोजगार सहायक का 3500 से 4000, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर का 4000 से 5330 रूपये करने, जयपुर में नया पर्यटन भवन बनाने विधायकों के लिए जयपुर में अगले साल में 50 बहुमंजिलें फ्लैट्स व माही परियोजना का बांसवाडा में रेस्ट एवं सfकZट हाउस बनाने, जिला प्रमुखों को 1 1 अतिवहन उपलब्ध करवाने के अलावा कई वस्तुओं में कर राहत देने की घोषणा सदन में की।
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