नरेगा कार्य शुरू नहीं
भीलवाड़ा। गांव में मांगते ही काम उपलब्ध कराने वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना पर अनापत्ति प्रमाण पत्र (यूसी) का फंदा कस गया है। यूसी के अभाव में जिले में कई स्थानों पर नरेगा कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हंै।
सरकार की ओर से आवंटित राशि की शत प्रतिशत यूसी अब तक किसी पंचायत समिति से नहीं मिली है। कुछ पंचायत समितियों द्वारा 60 प्रतिशत से अधिक राशि की यूसी भेजने के बाद भी जिला परिषद की औपचारिकताएं पूरी नहीं होने से राशि अटक गई। यूसी के 'चक्रव्यूह' में नरेगा कार्य इस तरह घिर गए हैं कि जिले की रायपुर जैसी एक-दो पंचायत समितियों में तो गत दो-तीन माह से नरेगा कार्य ठप हैं।
यूसी के चक्कर में नरेगा कार्यो में सामग्री आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों के करोड़ों रूपए भी अटके हुए हैं। हाल ही जिला परिषद की बैठक में सहाड़ा विधायक कैलाश त्रिवेदी सहित कई सदस्यों ने यूसी के अभाव में नरेगा के हाल-बेहाल होने का मुद्दा जोरशोर से उठाया था। इसके बाद जिला कलक्टर औंकार सिंह के निर्देश पर अब नरेगा के लेखाधिकारी पंचायत समिति मुख्यालयों पर जाकर बकाया यूसी के प्रकरण निपटाने में लगे है।
पंचायत समिति स्तर से भेजी जाने वाली प्रत्येक यूसी की जिला स्तर पर लेखाधिकारियों द्वारा छानबीन के चक्कर में देरी हो रही है। जिला परिषद की बैठक में उप जिला प्रमुख गजमल जाट ने भी इस तथ्य को स्वीकारा। सदस्यों ने हर यूसी की छानबीन कर भुगतान में देरी के बजाय केवल उसी यूसी का सत्यापन करने की मांग की जिस पर शंका हो।
भीलवाड़ा। गांव में मांगते ही काम उपलब्ध कराने वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना पर अनापत्ति प्रमाण पत्र (यूसी) का फंदा कस गया है। यूसी के अभाव में जिले में कई स्थानों पर नरेगा कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हंै।
सरकार की ओर से आवंटित राशि की शत प्रतिशत यूसी अब तक किसी पंचायत समिति से नहीं मिली है। कुछ पंचायत समितियों द्वारा 60 प्रतिशत से अधिक राशि की यूसी भेजने के बाद भी जिला परिषद की औपचारिकताएं पूरी नहीं होने से राशि अटक गई। यूसी के 'चक्रव्यूह' में नरेगा कार्य इस तरह घिर गए हैं कि जिले की रायपुर जैसी एक-दो पंचायत समितियों में तो गत दो-तीन माह से नरेगा कार्य ठप हैं।
यूसी के चक्कर में नरेगा कार्यो में सामग्री आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों के करोड़ों रूपए भी अटके हुए हैं। हाल ही जिला परिषद की बैठक में सहाड़ा विधायक कैलाश त्रिवेदी सहित कई सदस्यों ने यूसी के अभाव में नरेगा के हाल-बेहाल होने का मुद्दा जोरशोर से उठाया था। इसके बाद जिला कलक्टर औंकार सिंह के निर्देश पर अब नरेगा के लेखाधिकारी पंचायत समिति मुख्यालयों पर जाकर बकाया यूसी के प्रकरण निपटाने में लगे है।
पंचायत समिति स्तर से भेजी जाने वाली प्रत्येक यूसी की जिला स्तर पर लेखाधिकारियों द्वारा छानबीन के चक्कर में देरी हो रही है। जिला परिषद की बैठक में उप जिला प्रमुख गजमल जाट ने भी इस तथ्य को स्वीकारा। सदस्यों ने हर यूसी की छानबीन कर भुगतान में देरी के बजाय केवल उसी यूसी का सत्यापन करने की मांग की जिस पर शंका हो।
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