नागौर के गच्छीपुरा पंचायत में स्पेशल ऑडिट में मिली कई गड़बडिय़ां, ग्रेवल सड़क, नाडी और नाली का घटिया निर्माण
जयपुर। फर्जी फर्मों से खरीद कर ली और मौके पर फर्में मिली ही नहीं। ग्रेवल सड़कों का निर्माण कर दिया और नाप में सही नहीं मिली। नालियों का निर्माण बताया कहीं और किया कहीं। टांके बनवाए, लेकिन पानी रुकता ही नहीं। ये सारी गड़बडिय़ां राज्य सरकार की ओर से नागौर जिले की मकराना पंचायत समिति की गच्छीपुरा में महानरेगा के कामों की कराई गई स्पेशल ऑडिट में सामने आई हैं। इनमें 50 लाख रुपए से अधिक का घपला पाया गया है। इस ऑडिट के बाद संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
मकराना पंचायत समिति की सभी पंचायतों में दीवारों पर वाल पेंटिंग कराए बिना ही 3.10 लाख रुपए का भुगतान उठाने के मामले में संबंधित एसडीएम के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। सोशल ऑडिट के संयुक्त निदेशक एम.एस. भाकर के नेतृत्व में की गई स्पेशल ऑडिट में एईएन अर्जुन सिंह और एकाउंटेंट बलबीर सिंह शामिल थे।
ये मिली गड़बडिय़ां :
—सरपंच ने निर्माण आदि के लिए फर्जी फर्मों के नाम से 36.50 लाख रुपए का भुगतान उठा लिया। वास्तव में जांच की गई, तो मौके पर ऐसी फर्में मिली ही नहीं।
—ग्रेवल सड़क, नाडी और नालियों के काम में गड़बडिय़ां पाई गई। ग्रेवल सड़क में मौके पर काम नहीं किया हुआ मिला।
—नाडी में खुदाई पूरी नहीं थी। इसके लिए बनाई दीवार में दरारें थीं, नींव सही भरी नहीं थी। घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।
—नालियां कागजों में कहीं दिखाई और काम कहीं और था। ये गड़बडिय़ां 11.50 लाख रुपए की आंकी गई।
—विभिन्न कामों के संबंध में एमबी में 2.75 लाख रुपए का काम निर्धारित दरों से अधिक बताया गया था।
—मस्टररोल में 38 हजार रुपए के भुगतान ज्यादा पाए गए। मौके पर लोग कम और नाम अधिक दर्ज बताए गए थे।
—एक्सईएन सीताराम और एईएन दिलीप बरनिया ने मौका निरीक्षण नहीं किया और तकनीकी मंजूरी निकाल दी।
—सोशल ऑडिट से पहले वाल पेंटिंग तो नहीं करवाई, लेकिन 3.20 लाख रुपए का फर्जी भुगतान उठा लिया गया।
—ग्राम पंचायत क्षेत्र में पांच टांके बनवाए गए। इनमें घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जिसके कारण एक टांके में तो पानी रुकता ही नहीं।
—बीडीओ ने सोशल ऑडिट और अन्य कामों का रिकॉर्ड सही नहीं रखा।
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