नई दिल्ली। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में कुशल मजदूरों को भी जो़डा जाएगा। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डा. सीपी जोशी ने मंगलवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2008-09 में 15 करोड लोग नरेगा के तहत काम करने के हकदार थे पर केवल 14 प्रतिशत लोगों ने ही काम किया। उन्होंने कहा कि अभी नरेगा में शारीरिक श्रम के ही काम हो रहे है, इसलिए बाकी लोग यह काम नही करना चाहते। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए सरकार नरेगा के तहत कुशल मजदूरों का भी इस्तेमाल करना चाहती है ताकि अधिक लोगों को काम मिल सके। हम इसके लिए अध्ययन कर रहे है। उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि नरेगा के तहत न्यूनतम दिहाडी प्रति दिन 100 रूपए करने के बारे में निर्णय ले लिया गया है और इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि नरेगा के क्रियान्वयन को कारगर बनाने के लिए समय-समय पर राज्य सरकारों को निर्देश दिए जा रहे है। उनसे कहा जा रहा है कि वे ग़डब़डयों को दूर करने की प्रणाली विकसित करे। उन्हें लोकपाल नियुक्त करने के बारे में भी कहा जा रहा है। इसके अलावा पंचायतों को भी ज्यादा सक्रिय बनाने के लिए कहा गया है। |
Tuesday, June 15, 2010
अभी नरेगा में शारीरिक श्रम के ही काम हो रहे है: सीपी जोशी
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