जयपुर 19, अगस्त। राज्य में 800 करोड रूपए के विशालकाय बजट वाली राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढती जा रही है।नरेगा के फर्जी मस्टररोलों में साघु-संतों, स्कूली छात्र-छात्राओं और स्वर्गवासी हो चुके लोगों के नाम देकर कामों का भुगतान उठाया जा रहा है। ट्रैक्टरों और अन्य मशीनों से काम करवाया जा रहा है। जल कुंड बनवाए जाने थे, सार्वजनिक स्थलों पर, लेकिन सरपंच बनवा रहे हैं खुद के या भाई के खेत में। दलित परिवारों के साथ भेदभाव तो बरता ही जा रहा है, सुलभ काम्पलेक्स निजी परिसरों में बनवाए जा रहे हैं। हैरानी ये है कि राज्य सरकार ने ढेरों शिकायतें मिलने के बावजूद अभी तक इन प्रकरणों में जांच के आदेश नहीं दिए हैं। अलवर जिले में फर्जी जॉब कार्ड, बेनामी खातों और झूठे मस्टररोल भरकर पारिश्रमिक उठाया जा रहा है तो जैसलमेर जिले में योजना के तहत बने टांकों से 40 प्रतिशत कमीशन वसूला जा रहा है। भीलवाडा में तो हालात ये हैं कि नरेगा में कामों की सूचना देने के लिए घनराशि मांगी जा रही है। BY- www.khaskhabar.com19 अगस्त, 2009 |
Friday, June 11, 2010
नरेगा में कई जगह हुए भ्रष्टाचार
नरेगा में कई जगह हुए भ्रष्टाचार
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